ISSN 2582-5445 (online)

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वैदिक गण और वैदिकोत्तर गणराज्यों की उत्पत्ति

    1 Author(s):  SANDEEP MALIK

Vol -  6, Issue- 3 ,         Page(s) : 35 - 45  (2019 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSI

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Abstract

भारतीय इतिहास-लेखन के ढांचे में प्राचीन भारतीय गणराज्यों को महत्व का स्थान दिलाने का श्रेय काशीप्रसाद जायसवाल को है। इनकी उत्पत्ति के संबंध में उनके भिन्न विचार हैं: ‘ऋग्वेद’ और ‘अथर्ववेद’ की ऋचाओं, ‘महाभारत’ में व्यक्त विचार, और ईसापूर्व चैथी शताब्दी में मेगस्थनीज द्वारा सुनी गई भारत संबंधी अनुश्रुतियों, इन सबसे इस बात का संकेत मिलता है कि भारत में गणतंत्रात्मक शासन का उदय ‘राजतंत्र के काफी बाद’ और ‘पूर्व वैदिककाल के पश्चात्’ हुआ। यह मत वर्ग विभाजित वैदिकोत्तर गणराज्यों के बाद में भले सही हो, लेकिन जहाँ तक वैदिक साहित्य में और न उत्तर वैदिक साहित्य में ही उपलब्ध साक्ष्य से मेल खाता है।


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