ISSN 2582-5445 (online)

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श्रीमद्भागवत के अनुसार भारत का भौगोलिक अध्ययन

    2 Author(s):  SEEMA CHINNAPPA ,DR. VEDPRAKASH MISHRA

Vol -  9, Issue- 1 ,         Page(s) : 11 - 16  (2022 ) DOI : https://doi.org/10.32804/IRJMSI

Abstract

प्राचीन भारत में अन्य विज्ञानों की भाँंति भौम्याकृति विज्ञान का अध्ययन किया जाता था। अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘फिजियोग्राफी‘ का प्रयोग किया गया है जिसके अन्तर्गत भूमण्डल के तीन भौतिक विभागों-थलमण्डल, वायुमण्डल एवं जलमण्डल के अध्ययनों का समावेश है। भूमण्डल पर भौतिक परिवर्तन शनैः-शनैः होते हैं परन्तु मानव को ये परिवर्तन अदृश्य से लगते हैं। वर्तमान घटनाओं में चक्रीय तथा उच्चावचीय परिवर्तन ही नहीं अपितु संचयी परिवर्तन भी होते हैं। फलतः वर्तमान प्रवृत्तियों को निर्धारित करने में भूतकाल का निरीक्षण आवश्यक होता है।

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